Gaurav Paswan
@gaurav_paswan
1 opinions , 0 followers
#Shloka
कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित्
रिपु:।
अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा॥
.
Hindi Translation
.
न कोई किसी का मित्र है और न ही शत्रु, कार्यवश ही लोग मित्र और शत्रु बनते हैं॥
What is Your Opinion on this?
No Opinions Yet